दमोह। बिलवारी मुहल्ला बजरिया वार्ड नंबर 02 पत्रकार पंडित अरविंद पाठक, पंडित अखिलेश पाठक के पिता जी और बुंदेलखंड के वरिष्ठ पहलवान और महंत पंडित रामचन्द्र पाठक का लंम्बी बीमारी के बाद रात्रि में दुःखद निधन हो गया। शनिवार शाम 04 निज निवास से अंतिम शवयात्रा सीतावावली मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। जहां पर अंतिम संस्कार के पूर्व हरदौल अखाड़े के वरिष्ठ कलाकारों ने बुंदेली परम्परा के पालन करते हुए। अपने उस्ताद के लिए तलवार,वनेटी,फरसा, चक्र का प्रदर्शन कर नम आंखों से विदाई दी।
इस दमोह के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार पंडित नरेन्द्र दुबे ने शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि सुबह सुबह दुखद खबर मिली। हमारे दमोह के प्रतिष्ठित विद्वान पुरोहित पंडित रामचंद्र पाठक जी नहीं रहे। वे लगभग 85 वर्ष के थे, कुछ समय से अस्वस्थ थे उन्होंने अपना पूरा जीवन यज्ञ अनुष्ठान और पौरोहित्य कर्म करते व्यतीत किया ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। दमोह नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष पंडित मनु मिश्रा ने कहा कि महंत रामचन्द्र पाठक के दुःखद निधन से बुंदेलखंड के लिए उस्ताद और विद्वान पंडित के रूप में क्षति हुई है। आज बुंदेली परम्परा के अनुसार हरदौल अखाड़े के उस्ताद के लिए अखाड़े के कलाकारों ने प्रदर्शन कर नम आंखों से विदाई दी है। हर एक व्यक्ति पाठक के निधन से दुखी हैं। उनका जाना समूचे दमोह और बुंदेलखंड के लिए भारी क्षति हुई है।
वरिष्ठ समाजसेवी कैलाश शैलार ने शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा है कि दमोह जिले के प्रतिष्ठित पाठक परिवार के वरिष्ठ परम आदरणीय आचार्य रामचंद्र पाठक आज हमारे और आपके बीच से चले गए आज रात 12:30 को 85 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया आप आप दमोह जिले के प्रमुख आचार्य रामायण दुर्गा सप्तशती और भी अनेक शास्त्रों का मौखिक ज्ञान रखते थे आपने दमोह जिले के 80% अखाड़ों के उस्ताद भी रहे आप आप संतोषी माता पहाड़ी के आचार्य थे तिलिया गणेश के दौरान संतोषी माता पहाड़ी पर आपके ही द्वारा संपूर्ण हवन पूजन एवं श्री भगवान गणेश जी को 1008 लड्डू का चढ़ावा आपके द्वारा होता था आपने दमोह जिले के साथ-साथ बाहर के जिलों में भी पूजन हवन के मामले में अपना एक अलग स्थान बना रखा था।
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