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मानव तस्करी का मामला आधारशिला संस्थान के प्रमुख अजय लाल पर मामला दर्ज गिरफ्तारी के पूर्व ही हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

दमोह : दो बच्चों के एडॉप्शन के मामले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाल जस्टिस एक्ट का पालन न करने पर आधारशिला संस्थान के प्रमुख अजय लाल पर दमोह देहात थाना में FIR दर्ज होने के बाद बड़े ही नाटकीय अंदाज में पुलिस कस्टडी से अजय लाल के गायब होने का मामला मंगलवार की दोपहर से सुर्खियों में बना हुआ है, मंगलवार की दोपहर SDM सहित पुलिस के आला अधिकारी आधारशिला संस्थान में छानबीन करने पहुंचे, जब यह जानकारी संस्थान के कैम्पस से बाहर आई तो कैम्पस के बाहर बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिसके बाद देर शाम कोतवाली थाना प्रभारी आनंद सिंह ने अजय लाल को घर में ही नजरबंद करने की जानकारी दी। यही नहीं देर रात तक पुलिस के अधिकारी बड़ी तादात में दलबल के साथ बेथलेहेम परिसर को छावनी में तब्दील किए रहे बताया गया कि अजय लाल को गिरफ्तार कर देहात थाना लाया जाएगा। लेकिन कुछ देर बात पुलिस ने जानकारी दी की अजय लाल के परिजन भागने की कोशिश कर रहे थे जिन्हे टोल नाका पर रोका गया, फिर जब मीडिया के लोग टोल नाका पहुंचे जहां सारा ड्रामा होता रहा और पुलिस अधिकारी जिस आरोपी अजय लाल को नजरबंद किए थे उसके गायब होने की जानकारी देने लगे। बेथलेहेम परिसर में मिडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी, वही अजय लाल को आधारशिला संस्थान से लाकर नजरबंद किया गया था। अब सवाल अनेक है जिसका जबाव कोई नहीं देना चाहता, जब दोपहर से आरोपी पुलिस की निगरानी में था तो रात होते होते पुलिस के आला अधिकारियों के घेरे से गायब कैसे हुआ, कोतवाली थाना प्रभारी मीडिया को अंदर जाने से रोकते रहे लेकिन आरोपी को अपने बीच से गायब होने से न रोक सके, आरोपी के परिजन चिल्ला चिल्लाकर बोलते रहे कि पुलिस अधिकारी को फोन लगा लो पूछ लो वह एक कदम भी इधर उधर नही गए, वह शाम से उन्हीं के साथ बैठे है चाय पानी नाश्ता सब चल रहा है सब सामने ही है" अब हमे क्यों रोका जा रहा है। दरअसल आधारशिला संस्था के अजय लाल के द्वारा जिन दो बच्चों का एडॉप्शन किया गया था, उस मामले में NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जिला प्रशासन को जांच के लिए पत्र लिखा है, जांच के दौरान प्रशासन को गड़बड़ी मिली और मामला दर्ज किया गया। सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि दो बच्चों के एडॉप्शन को लेकर स्थिति संदेहास्पद थी, जिस प्रकार यह बच्चे इनके संस्थान में पहुंचे उसकी छानबीन लगातार हो रही थी जिसमें ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाल जस्टिस एक्ट का पालन न होने पर मामला दर्ज किया गया है। हालाकि बुधवार को इस मामले में अजय लाल को हाई कोर्ट ने 9 अगस्त तक अंतिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक दी है।

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