दमोह। बटियागढ़ के टेढ़ा धाम सिद्ध श्री मनसा पूरण हनुमानजी मंदिर के महंत श्री श्री 108 श्री रधुनाथ दास जी महाराज के सानिध्य में कथा व्यास पंडित संजय शास्त्री जी के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया। ’छठे दिन कथा व्यास संजय शास्त्री जी’ ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोपी बनकर गोकुल पहुंच गए। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गईं। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई।
और भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों और धूमधाम से संपन्न भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी जी के पैर धोकर पैर पकड़ कर पूजा अर्चना करते हुए दान भेंट चढ़ा कर श्री कृष्ण भगवान की मंगला आरती गाकर विवाह संपन्न कराया। कथा के मुख्य यजमान जगदीश प्रसाद रावत जो छतरपुर निवासी परिवार द्वारा कराई जा रही हैं। श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन कृष्ण सुदामा चरित्र होगा।
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